तेरी राह की मैं कोई धूल बन जाऊंइसी बहाने, तेरे करीब रहने का एहसास तो होगाबिखर जाऊं किसी फूल सीमैं उस हर रास्ते परजिस से होकर तुमशाम-ए-सहर गुज़रा करते हो । -
तेरी राह की मैं कोई धूल बन जाऊंइसी बहाने, तेरे करीब रहने का एहसास तो होगाबिखर जाऊं किसी फूल सीमैं उस हर रास्ते परजिस से होकर तुमशाम-ए-सहर गुज़रा करते हो ।
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