16 JAN 2018 AT 11:02

तेरी राह की मैं कोई धूल बन जाऊं
इसी बहाने,
तेरे करीब रहने का एहसास तो होगा
बिखर जाऊं किसी फूल सी
मैं उस हर रास्ते पर
जिस से होकर तुम
शाम-ए-सहर गुज़रा करते हो ।

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