Bhavuk Gupta   (The Introvert Guy)
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Bhavuk Gupta (b12vuk)
Joined 17 June 2017


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18 MAY 2022 AT 10:29

वो ना हिंदू है, ना मुसलमान है,
वो थोड़ा नादान है, साधारण सी नौकरी चाहने वाला एक आम इंसान है...
उसे नही है फिलहाल अपनी जान का खौफ,
उसे तो बस अपनी थाली में दाल-रोटी का है शौक।
कोई कह गया उसे कि हिन्दुत्त्व खतरे में है,
उसे लगा भूखमरी - गरीबी है एक बड़ा खतरा।
कोई कह गया मुसलमान मार रहा है,
उसने दोस्त को फोन मिलाया और पूछा, "भाई, तू क्या कर रहा है?"
वो गया था बाजार में लेने को तरकारी,
वहा जाकर पता लगा गर्मी से जल गई सारी की सारी...
उसे लगा कि देश की सरकार मेरा कहा सुनेगी,
उसे क्या पता था सरकार बस रैली और प्रचार करेगी...
उसे नही पड़ता फर्क लाउडस्पीकर पर नमाज़ चले या हनुमान चालीसा,
उसे तो बस चाहिए अपनी गाड़ी में पेट्रोल थोड़ा सा।
उसे नही है खौफ तुम भगवा पहने हो या हरा,
वो तो बस कह रहा चिंटू की स्कूल फ़ीस का जुगाड करवा दो जरा...
वो ना हिंदू है, ना मुसलमान है...
अपने परिवार की खुशी चाहने वाला वाला वो एक आम इंसान है।।

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20 SEP 2021 AT 1:33

उनसे हम बाते करे भी तो कैसे, जिन्हें सुनते ही लफ्ज़ जुबान पर आना भूल जाते है।
उन्हें अपने जज़्बात बताए भी तो कैसे, जिनके बोलते ही हर नब्ज़ मानो थम सी जाती है।
उन्हें दिल का हाल बयां करे भी तो कैसे, जिन्हें देखते ही दिल धड़कना भूल जाता है।
उन्हें छूकर उनके होने या न होने का प्रमाण पाए भी तो कैसे,
जिन्हें छूने से पहले हाथ काँप से जाते है।
वो सच है या बस एक सपना, हम यह जाने भी तो कैसे,
जब हर सपने में तो वो आते है, पर सच्चाई में बस कभी ही झलक दिखला जाते है।।

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27 JAN 2021 AT 1:07

वो चांद....
छोटे शहर का वो चांद, बड़े शहर में आकर कहीं खो गया...
कुछ बादलों में वो छुप गया, कुछ शहर की चकाचौंध में वो ढक गया।

रात के अंधेरे में खिलने वाला वो चांद, दिन में ही आकर अपनी हाजरी लगा गया...
महबूब की खूबसूरती का बखान करने वाला वो चांद, अपने ही दागो के साए से घबरा गया।

वो चांद जो सितारों की महफ़िल में झूमता और गाता था...
आजकल कहीं अकेले ही बैठ, दिल का हाल बयान करने लगा।

वो चांद जो चकोर के संग बैठ अपनी प्रेम गाथा गड़ता था,
आजकल चमगादड़ों के डर से कुछ चुप चुप रहने लगा।

छोटे शहर का वो भोला सा चांद, बड़े शहर में आकर कहीं खो गया।।।

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31 MAR 2020 AT 0:47

वो चांद और उसका वो तारा,
आज फिर एक दूसरे के करीब है।
वो चांद और उसका वो तारा,
आज फिर एक दूसरे से बात कर रहे है।।
वो चांद और उसका वो तारा,
कल फिर एक दूसरे के साथ होंगे?
वो चांद और उसका वो तारा,
कल फिर कहीं और होंगे।।
वो चांद और उसका वो तारा,
कल फिर एक दूसरे से जुदा होंगे।
वो चांद और उसका एक तारा,
वो चांद और उसका हर एक तारा।।।।

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21 MAR 2020 AT 23:31

उसने दोस्ती चाही, मुझे प्यार हो गया।
फिर क्या था...
मैं अपने ही क़त्ल का, गुनहगार हो गया।।

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23 FEB 2020 AT 11:42

वो सोचते है कि हमें दिखता नहीं,
वो समझते है कि हम समझते नहीं।
वो जताते है जैसे कि हम जानते ही नहीं,
वो बिगड़ जाते है जैसे कि हम उन्हें कुछ मानते ही नहीं।

कोई बतलाए उन्हें, वो जैसे है हम वैसे नहीं,
और हम जैसे है, वैसे वो हो सकते नहीं।

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7 FEB 2020 AT 0:19

पल में अपना बनाया, पल में पराया किया।
पल भर तो हम जिए थे, पल में हमसे वो हक भी छीन लिया?

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18 FEB 2019 AT 14:58

Isn't it Lovely, being with someone?
Comforting through the chaos, reminding you are awesome.

Walking with you, holding your hand,
Through the paths, of the broken hell.

Making you happy, healing your scars,
Making sure all your pains, become now scarce...

Waiting at the kingdom, holding the throne,
Calling out loudly, "His highness, Welcome back home!"

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24 JUL 2018 AT 12:36

Friendship is the purest thing to exist,
they say.
Yet, the most evil thing you will ever find,
I believe.

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1 JUL 2018 AT 3:20

I see a downpour here, not everyone can see that.
I see a rainfall here, not everyone can see that.
I see a snowfall here, not everyone can see that.
I need to monitor that a bridge is made before the rain comes, because if we fail the failure will be mine.
If we fail, the loss will be mine.
And if we fail, maybe this will be my last failure.

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