पहली मुलाकात में कुछ यूं बात हुईं जुल्फें बिखरी हुई थी मेरी और हवायें भी साथ हुईं सोचा तो नहीं था कि कोई ऐसे मिलेगा मुझे नज़रे टकरायी और बिन मौसम प्यार की बरसात हुईं
मन खूबसूरत है उनका, चेहरा किसने देखा है! उनकी आंखों का समंदर कितना गहरा, किसने देखा है! सब कहते हैं हमारा और उनका कोई ताल्लुक नहीं, पर हमसे रूबरू होते हुए उनकी आंखों पर पलकों का पहरा, किसने देखा है!