बाखुदा आ ही गई मौत मेरी सनम बाहों मे तेरीऔर ये नादान जमाना पूछता है कि मुझे जीने की हसरत नहीं....? - Goraani
बाखुदा आ ही गई मौत मेरी सनम बाहों मे तेरीऔर ये नादान जमाना पूछता है कि मुझे जीने की हसरत नहीं....?
- Goraani