कभी तेरी मुस्कराहट के चलते,रोक लिया खुद को ।कि तूने सामने आकर वक़्त ही रोक दिया ।तेरी निगाहें हीं थी वो कातिल बेशरम इस बदतमीज़ को शायर बना दिया ।। - CalmKazi
कभी तेरी मुस्कराहट के चलते,रोक लिया खुद को ।कि तूने सामने आकर वक़्त ही रोक दिया ।तेरी निगाहें हीं थी वो कातिल बेशरम इस बदतमीज़ को शायर बना दिया ।।
- CalmKazi