22 OCT 2017 AT 7:21

हर वक़्त की एक वजह,
हर वजह का एक सवाल;
हर सवाल का एक समय,
हर समय होता बवाल।
हर बवाल का एक हिसाब,
हर हिसाब का एक ख़ाता;
हर ख़ाते का एक रखवाला,
हर रखवाले का एक विधाता।

- CalmKazi