मिट जाओ बेशक चाहे तनहा जी कर पर किसी के साथ का इन्तजार मत करना यहाँ हर कोई साथ हो कर दूर चला जाता है अपनी यादों के साथ तनहा छोड़ जाता है - बेहदलेखनी (भवानी देपावत)
मिट जाओ बेशक चाहे तनहा जी कर पर किसी के साथ का इन्तजार मत करना यहाँ हर कोई साथ हो कर दूर चला जाता है अपनी यादों के साथ तनहा छोड़ जाता है
- बेहदलेखनी (भवानी देपावत)