शाम कोई दिवार पर सर देता रहा,कौन है कोई सुनता नही है।उसकी गली में उड़े है अब ख़ाक मेरी,ख्वाब मेरा अब कोई बुनता नही है।जिस्म से रूह जुदा होना चाहती है,किसका हूँ मै ( होऊ) कोई मुझे चुनता नही है।पानी सा रिस रहा हूँ छत से अपनी,कौन सम्भाले आँखों में रुकता नही है। -
शाम कोई दिवार पर सर देता रहा,कौन है कोई सुनता नही है।उसकी गली में उड़े है अब ख़ाक मेरी,ख्वाब मेरा अब कोई बुनता नही है।जिस्म से रूह जुदा होना चाहती है,किसका हूँ मै ( होऊ) कोई मुझे चुनता नही है।पानी सा रिस रहा हूँ छत से अपनी,कौन सम्भाले आँखों में रुकता नही है।
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.. .खूब करो ज़र्रा नवाज़ी मगर अब मुझे उससे वास्ता नही निकला चुपचाप जिधर मैं लौटने का वहाँ से रास्ता नही -
.. .खूब करो ज़र्रा नवाज़ी मगर अब मुझे उससे वास्ता नही निकला चुपचाप जिधर मैं लौटने का वहाँ से रास्ता नही
कि कहतीं है सुलगती साँसे भर कर एक आहमरता हूँ देख तो कभी तो आ इधर भी। -
कि कहतीं है सुलगती साँसे भर कर एक आहमरता हूँ देख तो कभी तो आ इधर भी।
दिल गांधी है, इश्क गोडसे एक दिन गोली मार ही देगा !! -
दिल गांधी है, इश्क गोडसे एक दिन गोली मार ही देगा !!
मेरे दिल की राख कुरेद मत इसे मुस्कुरा के हवा न देये चराग़ फिर भी चराग़ है कहीं तेरा हाथ जला न दे -
मेरे दिल की राख कुरेद मत इसे मुस्कुरा के हवा न देये चराग़ फिर भी चराग़ है कहीं तेरा हाथ जला न दे
याद है मुझे वो फूल सी लडकी, मक्खन सी बातें जगमगाते दिन झिलमिलाती रातें ।। -
याद है मुझे वो फूल सी लडकी, मक्खन सी बातें जगमगाते दिन झिलमिलाती रातें ।।
दर्द को ही तलाश किया करता हूँ मैं हां यूँ ही जिंदगी बरबाद किया करता हूँ मैं।तुम्हारी ठोकरों ने दिए है सब ये हौसलेआँधियों में घोसलें अपने आबाद किया करता हूँ मैं।चटके आइनों में न देखो अब तुम सूरत मेरीअपने ही दर्द पे अब शाद करता हूँ मैं।कई बार मिट्टी में मिलाया गया कई बार मिटाया गया,खुद को और भी मजबूत करके हर बार उभरता हूँ मैंऐ हवाओ तुम क्या डुबाओगी कश्ती मेरीआँधियों से लड़ झगड़ के उस पार उतरता हूँ मैं।मुझ पे ही गिर पड़ी हैं घर की दीवारें कभीतेरे बगैर जब भी कभी कोई घर तैयार करता हूँ मैं। -
दर्द को ही तलाश किया करता हूँ मैं हां यूँ ही जिंदगी बरबाद किया करता हूँ मैं।तुम्हारी ठोकरों ने दिए है सब ये हौसलेआँधियों में घोसलें अपने आबाद किया करता हूँ मैं।चटके आइनों में न देखो अब तुम सूरत मेरीअपने ही दर्द पे अब शाद करता हूँ मैं।कई बार मिट्टी में मिलाया गया कई बार मिटाया गया,खुद को और भी मजबूत करके हर बार उभरता हूँ मैंऐ हवाओ तुम क्या डुबाओगी कश्ती मेरीआँधियों से लड़ झगड़ के उस पार उतरता हूँ मैं।मुझ पे ही गिर पड़ी हैं घर की दीवारें कभीतेरे बगैर जब भी कभी कोई घर तैयार करता हूँ मैं।
दर्द को मिल जाता हैठिकाना कहीं न कहीं,मेरे दिल में रहता हैगर तेरे दिल में नही !! -
दर्द को मिल जाता हैठिकाना कहीं न कहीं,मेरे दिल में रहता हैगर तेरे दिल में नही !!
मेरे दिल की राख कुरेद मत,इसे मुस्कुरा के हवा न देये चराग़ फिर भी चराग़ है,कहीं तेरा हाथ जला न दे ।। -
मेरे दिल की राख कुरेद मत,इसे मुस्कुरा के हवा न देये चराग़ फिर भी चराग़ है,कहीं तेरा हाथ जला न दे ।।
मुझे नज़र आता है इस तस्वीर में एक दरिया प्रेम और सुकून का ❤️ -
मुझे नज़र आता है इस तस्वीर में एक दरिया प्रेम और सुकून का ❤️