कभी-कभी,हम दो दिलों को-बड़ी मज़बूत डोर से,बांध लेते हैं...और फिर-सारी उम्र निकल जाती है,कुछ गिरहें खोलते-खोलते...!! - Ink_Slinger
कभी-कभी,हम दो दिलों को-बड़ी मज़बूत डोर से,बांध लेते हैं...और फिर-सारी उम्र निकल जाती है,कुछ गिरहें खोलते-खोलते...!!
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