धड़कने ऐसे भी कभी रूक जाती हैं, जब ख़्यालो में आके वो मुश्कूराते हैं.... - Bansari rathod 'ईश'
धड़कने ऐसे भी कभी रूक जाती हैं, जब ख़्यालो में आके वो मुश्कूराते हैं....
- Bansari rathod 'ईश'