दफ़नाके अभी उसके हर ख़यालात आई हुं,कबर पे अपनी ही खूद फूल चढ़ाके आई हुं।।देखो अब ना तंग करना मूज़े अय दूनियावालो,बहोत मूश्किल से खूद को सूलाके आई हुं।। - Bansari rathod 'ईश'
दफ़नाके अभी उसके हर ख़यालात आई हुं,कबर पे अपनी ही खूद फूल चढ़ाके आई हुं।।देखो अब ना तंग करना मूज़े अय दूनियावालो,बहोत मूश्किल से खूद को सूलाके आई हुं।।
- Bansari rathod 'ईश'