Women are an integral part of human society. Woman is the wheel of the cart of society, Without which the cart cannot move even a step, It would not be wrong to say that it would not be appropriate to have only one special day to honor women. Happy Women's Day — % &
कितना बेफ़िक्र था वो बचपन, देवी माँ के आने का बाँट जोहते थे,उनकी आकृतियों को नए आकार देते उस कुम्हार के इर्द गिर्द फेरे लगाया करते थे,मन न जाने कितनी उत्सुकता से भर जाती थी !
क्षमा ,दया,स्नेह, करुणा, बलिदान, ये सब मनुष्य का व्यवहार है, इसके बिना मनुष्य एक ऐसा हिंसक पशु के भांति है , जो अपना पेट भरने के लिए कुछ भी कर सकता है.
मैं चुप हूँ तो समझो मेरा मौन बोलता है और बोलने से पहले सौ बार तोलता है, जहा कोई शिशुपाल शब्द की मर्यादा तोड़े, हुई बांसुरी मौन वहां सिर्फ चक्र बोलता है।