अकेलेपन मे, नाम से पुकारा गया मेंअंधेरों से बेहतर मुझे कोई नही जानता -
अकेलेपन मे, नाम से पुकारा गया मेंअंधेरों से बेहतर मुझे कोई नही जानता
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चाँद अधूरा सजता रहा पुरा होकर सिमट गयाऔर ईस परिक्षेप की रेखा उसे अंधेरों में ले गई -
चाँद अधूरा सजता रहा पुरा होकर सिमट गयाऔर ईस परिक्षेप की रेखा उसे अंधेरों में ले गई
जो संसार की व्यथाओं में विलीन हैउस धरा और नभ के मध्य प्रेम मौन है -
जो संसार की व्यथाओं में विलीन हैउस धरा और नभ के मध्य प्रेम मौन है
सूख गया समंदर तोकिनारा ही रह जाएगाजो अपनो से तृप्त हैखारा ही रह जाएगा -
सूख गया समंदर तोकिनारा ही रह जाएगाजो अपनो से तृप्त हैखारा ही रह जाएगा
माँ-बाप की शाख़ छोड़कर कुछ 'अनक्ष'प्यार से वफ़ा की उम्मीद लगाए बैठते है -
माँ-बाप की शाख़ छोड़कर कुछ 'अनक्ष'प्यार से वफ़ा की उम्मीद लगाए बैठते है
वजूद पिता ने भी किस तरह से खंगाला है बिगड़ें बेटें है औऱ उसने बेटियों को संभाला है -
वजूद पिता ने भी किस तरह से खंगाला है बिगड़ें बेटें है औऱ उसने बेटियों को संभाला है
एक औऱ आज़ादी बाहर से मिली हैएक आज़ादी अंदर मिलना चाहिएदेश को फिर तरक़्क़ी विकास चाहिए तो देश भृष्टाचार से मुक्त होना चाहिए -
एक औऱ आज़ादी बाहर से मिली हैएक आज़ादी अंदर मिलना चाहिएदेश को फिर तरक़्क़ी विकास चाहिए तो देश भृष्टाचार से मुक्त होना चाहिए
उलझा है ज़माना धर्म ज़ात की पाबंदियों मेंज़मी पे इंसान खुद का भगवान जो हो गया है -
उलझा है ज़माना धर्म ज़ात की पाबंदियों मेंज़मी पे इंसान खुद का भगवान जो हो गया है
साँसों के शोर पर,साँसों का जोर हैबाहर दिखता हूं में,अंदर कोई औऱ है -
साँसों के शोर पर,साँसों का जोर हैबाहर दिखता हूं में,अंदर कोई औऱ है
यादें ख्वाबों की चादर में लिपटी रहीऔऱ इश्क वादों की घुटन में मर गया -
यादें ख्वाबों की चादर में लिपटी रहीऔऱ इश्क वादों की घुटन में मर गया