Babu Gangiya   (✍बाबू गांगिया© "अदम्य")
13.0k Followers · 39.7k Following

CA | CS
Joined 6 November 2017


CA | CS
Joined 6 November 2017
7 FEB 2020 AT 11:44

अकेलेपन मे, नाम से पुकारा गया में
अंधेरों से बेहतर मुझे कोई नही जानता

-


2 FEB 2020 AT 12:51

चाँद अधूरा सजता रहा पुरा होकर सिमट गया
और ईस परिक्षेप की रेखा उसे अंधेरों में ले गई

-


2 FEB 2020 AT 0:03

जो संसार की व्यथाओं में विलीन है
उस धरा और नभ के मध्य प्रेम मौन है

-


1 FEB 2020 AT 13:36

सूख गया समंदर तो
किनारा ही रह जाएगा

जो अपनो से तृप्त है
खारा ही रह जाएगा

-


1 FEB 2020 AT 8:48

माँ-बाप की शाख़ छोड़कर कुछ 'अनक्ष'
प्यार से वफ़ा की उम्मीद लगाए बैठते है

-


31 JAN 2020 AT 23:17

वजूद पिता ने भी किस तरह से खंगाला है
बिगड़ें बेटें है औऱ उसने बेटियों को संभाला है

-


26 JAN 2020 AT 12:06

एक औऱ आज़ादी बाहर से मिली है
एक आज़ादी अंदर मिलना चाहिए

देश को फिर तरक़्क़ी विकास चाहिए
तो देश भृष्टाचार से मुक्त होना चाहिए

-


22 JAN 2020 AT 22:02

उलझा है ज़माना धर्म ज़ात की पाबंदियों में
ज़मी पे इंसान खुद का भगवान जो हो गया है

-


12 JAN 2020 AT 10:25

साँसों के शोर पर,
साँसों का जोर है


बाहर दिखता हूं में,
अंदर कोई औऱ है

-


10 JAN 2020 AT 22:47

यादें ख्वाबों की चादर में लिपटी रही
औऱ इश्क वादों की घुटन में मर गया

-


Fetching Babu Gangiya Quotes