ग़र ज़मी ज़िन्दा है तो क्या आसमान मरा हैया ग़र आसमान ख़ाली हैफ़िर ज़मी में क्या भरा है - ✍बाबू गांगिया© "अदम्य"
ग़र ज़मी ज़िन्दा है तो क्या आसमान मरा हैया ग़र आसमान ख़ाली हैफ़िर ज़मी में क्या भरा है
- ✍बाबू गांगिया© "अदम्य"