ख़ुद में और कितना सूलझूं,कि तुझमे उलझ कर रह जाऊँ...... - Ayush suryavanshi
ख़ुद में और कितना सूलझूं,कि तुझमे उलझ कर रह जाऊँ......
- Ayush suryavanshi