21 OCT 2017 AT 20:06

मंजिल की राहों में जब भी लड़खड़ाना,
माता - पिता का तुम हाथ थाम लेना
गर चलते हुए धूप लगे उन राहों में तुम्हें,
मां के आंचल में खुद को छिपा लेना
जब आये कांटो भरी राह तेरे सामने,
तो पिता के कंधे को सहारा बना लेना
लेकिन जब हासिल कर लो मंजिल,
तब उन्हें अपनी पलकों पर बैठा लेना....



- "S@umy"