रह कर साथ में भी वो,साथ रह ना सके
सुखी वक्त में भी वो खुश,रह ना सके
कैसे बीतेगा जीवन उनका,दुख में उनके
पास हो कर के भी जो अपने,रह ना सके
बदलते वक्त को देर कहाॅं लगती है बदलने में
वक्त जो आज उनका है वो कल उनका,रह ना सके
होगा गुरूर उनको,उनकी कामयाबी का जरूर
मगर गुरूर कब चूर हो जाए कोई,कह ना सके
रंज भी क्या अनोखी देन है ना एक इंसान की
जो एक इंसान चाह कर भी अपनों के साथ रह ना सके
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