जो तू साथ है तो कामिल है ये प्यार
तेरे गालो पे बने इन गढ्ढों से है प्यार
तेरे गेसुओं से गिरते बूंदों से है प्यार
जो तू साथ नहीं तो दूगना है ये प्यार
तेरे साथ बिताए उन यादों से है प्यार
तेरे बांधे ताबीज के धागों से है प्यार
यूं बार बार तुझसे होता है मुझे प्यार
- अविनाश “कर्ण”