तेरे चेहरे से टपकते नूर ने बंदगी सीखा डाली मुझे;
पर जो तेरे शौक़ पूरे करने को, मेरे चेहरे से टपका, वो नूर नहीं ए दिलनशीं, मेरी मेहनत का पसीना था ।

- Av Singh