दोस्ती सारी बरकरार हैइस दिल में, दबे हुए,दोस्तों का कुछ पता नहीं।शिकायत करूँ? किससे?सभी ने हैं हस कर कह दियेबेटा, ज़िंदगी यही ज़िंदगी।©www.authorbiswajit.in - BISWAJIT Mukhopadhyay
दोस्ती सारी बरकरार हैइस दिल में, दबे हुए,दोस्तों का कुछ पता नहीं।शिकायत करूँ? किससे?सभी ने हैं हस कर कह दियेबेटा, ज़िंदगी यही ज़िंदगी।©www.authorbiswajit.in
- BISWAJIT Mukhopadhyay