ख़ाली हो जेब रिश्तेदार व्यापार परिवार अच्छा नहीं होता, दूसरों की बुराई कर के अपना क़िरदार अच्छा नहीं होता, जीना जिंदगी अपनी, ज़मीर को जिंदा रखके,मशवरा है, असल मायने में बिना मूछों का सरदार अच्छा नहीं होता।
फूल मुझे विरासत में नहीं मिले फूल, इसके लिए मैंने सींचे हैं बंजर, बंजर में उगी झाड़ियां, झाड़ियों में पनपे कांटे संग पनपी डालियाँ, डालियों में झूलती कोपलें, कोपलों में सहेजी हुई कली, कली की परिपक्वता का फूल, पीढ़ी दर पीढ़ी का माली, माली की बेकदर पीढ़ी, माली का हाथ ख़ाली।