सल्तनत में सुल्ताना न हो...खादिम तन्हा सा रेह जाता है....आइना भी अक्स में सिर्फ़ तेरा चेहरा दिख लाता है....आ जाओ जल्द ही वापस सर-ज़मीन-ए-मोहब्बत पर....अब तो तुम्हारे बिना... मौसम भी बिगड़ जाता है.... - अज़ीम_the cyber poet©
सल्तनत में सुल्ताना न हो...खादिम तन्हा सा रेह जाता है....आइना भी अक्स में सिर्फ़ तेरा चेहरा दिख लाता है....आ जाओ जल्द ही वापस सर-ज़मीन-ए-मोहब्बत पर....अब तो तुम्हारे बिना... मौसम भी बिगड़ जाता है....
- अज़ीम_the cyber poet©