13 APR 2018 AT 21:00

दोस्त की यारी शहंशाहों की ताज है।
दोस्त की जुबां आशाओं की साज़ है।

मिट जाऊं कभी गर तेरी यारी में
ज़ुबाँ से उफ्फ तक न उठे तू मेरी लाज है

बेवक़्त भी मिल जाना यार की यारी
हमें वक़्त से ज्यादा तेरी यारी पे नाज़ है

बेशुमार खुशयां है तरे इश्क़ में यारा
में हूँ तेरी ज़ुबाँ तू मेरी अल्फ़ाज़ है

गर कभी हम कही खो जाएं तो ढूंढना
यार ये तेरा यारी का मोहताज है

फक्र है हमे तू मेरा कल ओर आज है
तू मेरी आशिक़ी मेरी इबादत नमाज़ है

- Asif Sen Rock