अहम् ब्रह्मस्मि   (©"शज़र")
425 Followers · 40 Following

Joined 9 August 2017


Joined 9 August 2017

हुस्न, हुनर या आम जिंदगी,
एक शाम सभी को ढलना है,
तेरी, मेरी या उसकी हो बात,
एक रोज हमें खामोश होना है।
खत्म होगी मय जिस घड़ी,
प्याले को भी तन्हा होना है,
फिर भी बंद न होगा मयखाना,
आखिर में जी भी बहलाना है।।
ख्वाहिश के पीछे सब या,
ख्वाहिश सब के पीछे हैं?
भाड़ दौड़ में सब भूल गये,
कैसे हमको जिन्दा रहना हैं?

-



शहर में अपने नया साल आ रहा है,
हरिया आज भी मातम मना रहा है,
मैं खाऊंगा पिज्जा और पिऊंगा रम,
न जाने कौन सिंधु बार्डर पर ठण्ड खा रहा है।।
कल से जिओ रजा हर नेटवर्क पर फ्री है,
फिर भी किसान संविदा खेती से डर रहा है।।

-



करना है खिलाफत तो खुल ए आम करो,
आँखें चुराने से कोई बाजीगर नहीं बनता।‌।

-



उनका ख्वाब, मेरी मेहनत,
उसकी हसरत, मेरी कोशिश,
मेरी मेहनत, मेरी कोशिश पर,
अपनी मेहनत और कोशिश जोड़ना,
यही मोहब्बत है।

-



उसकी नथ कमाल करती है,
बातें वो लाजवाब करती है।
आंखों में भरकर शोखियां,
वो इशारों से रास करती है।।
कनखियों से देखते हुए भी,
न देखने का ताव रखती है।
निकल ना जाए जुबां से कुछ,
लबों के किनारे दांत रखती है।।

-



तुम हमें पसंद हो, जो चाहे वो करो।
तुमसे मोहब्बत है, झूठ का सौदा करो।।
जिसने पहुंचाया है, उसका ख्याल रखो।‌
बेच दो मुझे तुम, मेरी फिक्र न तुम करो।।
जानता हूं तुम्हारे शौक तुम्हारी मजबूरियां हैं,
बिना कोई मलाल किये, खुब मनमानी करो।।
मेरी कई पहचान है, कुछ मुख्य कुछ गौण है।
झूठ ही सही मगर मेरी श्रेष्ठता बरकरार रखो।।

-



अज्ञानता वह रौशनी है जिसकी चकाचौंध हमें अन्य दृष्टिकोण के प्रति अंधा कर देती है।

-



पायल की झंकार पहुंचा देती है,
नासमझ हवा मुझको बहका देती है।
उसकी आंख जो डबडबा जाये तो,
बारिश मेरे तन को भिगा देती है।।

-



आ कोई ख्वाब बुनते है‌ साथ, जीने की कुछ वजह तो हो।
अधजगी रातों का सिलसिला किसी बहाने से खत्म तो हो।।

-



बेरंग आंखों में शिकायत भी नहीं होती।
मुस्कराते लब, पहचान खुशी की नहीं होती।

मालूम है कि कुछ न कहोगे तुम मगर,
नज़र अंदाज़ करना भी दोस्ती नहीं होती।

-


Fetching अहम् ब्रह्मस्मि Quotes