15 JUN 2018 AT 20:34

जवाब

वो पास आना चाहे , मैं उसे देखने को बेकरार हूँ,
वो कदम उठाए तो सही।
वो मुझे छूना चाहे , मैं सिसकियाँ भरने को तैयार हूँ,
वो उंगलियाँ फिराए तो सही।
वो जो आहे भरना चाहे , मैं हरकते करने को हैरान हूँ,
वो शर्म हटाए तो सही।
वो जो मुझे खेलना चाहे, मैं खुद को बेचने को रज़ामंद हूँ,
वो दाम लगाए तो सही।

- कलम बाबा