Ashutosh Sharma   (आशुतोष Arsh ✍)
1.5k Followers · 1.2k Following

read more
Joined 8 April 2018


read more
Joined 8 April 2018
11 MAR AT 23:37

इस इश्क़ के सौदे में अब हानि हो रही है धीरे धीरे,
वो पागल लड़की बड़ी स्यानी हो रही है धीरे धीरे।

उसे लगता है जब चाहें किरदार में लौट आएगी,
उसे ख़बर नहीं ख़त्म कहानी हो रही है धीरे धीरे।

जिसे भूलना ज़रूरी है ; वही याद आती हैं मुझे,
ना चाह कर भी ; ये नादानी हो रही है धीरे धीरे।

कभी किसी दिन उसे होगा अहसास मोहब्बत का,
इस आरजू में फना जिंदगानी हो रही है धीरे धीरे।

एक वक्त में जो सिमटा था कभी आगोश मे मेरे,
अब मिलने में भी आनी-कानी हो रही है धीरे धीरे ।

दिल की सल्तनत जिसके कदमों में रखी थी अर्श,
किसी और रियासत की रानी हो रही है धीरे धीरे।

-


11 MAR AT 23:13

फकत पसंद होने में और चाहत में फर्क होता है,
सिर्फ़ जान पहचान और सोहबत में फर्क होता है।

एक अरसे से तन्हा हूं मगर आरज़ू ना गई तेरी,
ऐ जान! मजबूरी और मोहब्बत में फर्क होता है।

ये दिल किसी बंजर भूमि सा है वीरान मेरा,
फव्वारों की बूंदों और बरसात में फर्क होता है।

मैं तेरे जहन में नहीं तू मेरे ख़्वाब में आज तक,
हां! सिर्फ़ सोचने और ख्यालात में फर्क होता।

उसे फुर्सत हो जब वो याद करता है सिर्फ़ तब,
उसे बताओ!ताल्लुक और कुर्बत में फर्क होता है।

तेरे ठुकराए हुए हम किसी नगीने से थे सनम,
अब छोड़!सोने और जवाहरात में फर्क होता है।

इस इश्क़ में सिर्फ़ जज़्बात काफ़ी नहीं 'अर्श',
एक सरकारी नौकरी और गुर्बत में फर्क होता है।

-


1 MAR AT 19:19

मेरे लहज़े में सलीके में हर तरन्नुम में
तुमको ही गुनगुनाया करता था,
तेरे नाम थे ये सब शेर मेरे और
तुझको ही सुनाया करता था।

चलो अब जुदा हो गए लेकिन
अपने शौहर को बताना तुम,
ये पागल शायर एक वक्त में
मेरा दिवाना हुआ करता था।

-


18 FEB AT 16:03

दर्द-ए-हिज्र के अब दिल में डेरे हैं डेरे ही रहेगें,
ये तेरे दर्द-ओ-गम मुझे घेरे हैं और घेरे ही रहेंगे ।

ऐ बिछड़ने वाले ; तेरे जानें का गम ना कर,
हम तो आशिक हैं ; तेरे बाद भी तेरे ही रहेंगें।

गुजरे वक्त की कुछ यादें बिखरी है मेरे कमरे में,
इनका सिमटना बस में नहीं तो बिखेरे ही रहेगें।

जहन की तख्ती पे उकरे है बीते लम्हें ऐ सनम,
और हम नादाँ इसे उकेरे हैं ; उकेरे ही रहेगें ।

-


18 FEB AT 15:46

ये तेरी कहानी कभी मेरी भी कहानी थी,
लबों से गुल टपकते थे बातों में रवानी थी ।

बाज़ार ए हुस्न में गुजरी बहोत सी रातें मेरी,
मगर बात तब की जब मुझमें भी जवानी थी।

मोहब्बत है और बेहद है तुमसे समझो ना,
बस एक यही बात बिन कहे समझानी थी।

अब चेहरे पर शिकन है बाल भी झड़ गए,
एक जवां वक्त में जवां हसीनाएं दीवानी थी।

-


2 FEB AT 19:46

जहन-ओ-दिल में हो तुम
फिर भी जिक्र तुम्हारा नहीं करते,
एक बार जो कर चुके है
वही इश्क दोबारा नहीं करते।

जब भी आओ मुझसे मिलने तो
सिर्फ मेरे होकर ही आना,
मोहब्बत में दखलअंदाजियां
जान हम गवारां नहीं करते।

-


13 DEC 2023 AT 20:57

मुझे अपना खुद को मेरा बनाए तो,
सब कुछ वार दूं वो जिंदगी में आए तो।

मोहब्बत वाकई खूबसूरत है ऐ दोस्त,
बशर्ते सही शख्स से अगर की जाए तो।

-


7 DEC 2023 AT 11:17

ऐ बिछड़ने वाले तेरे जानें का गम ना कर,
हम तो आशिक़ है तेरे बाद भी तेरे ही रहेंगे।

-


30 NOV 2023 AT 17:40

इश्क वालों को
फुर्सत कहां गम लिखेगें,
कलम इधर लाओ
बेवफाओं पर हम लिखेगें।

-


12 NOV 2023 AT 1:36

हर घर में हैं दीप जले
सजी पूजा की थाली है।
सबके चेहरे पर रौनक है
क्योंकि आज दिवाली है।

पर बिन तेरे तन्हा है दिन मेरे
और आज भी महफ़िल खाली है।

-


Fetching Ashutosh Sharma Quotes