चन्द रोज़ का आकर्षण और कुछ अल्फाज़ो की शायरी थी कहने को तो इश्क थावो मोहब्बत झूठ और मक्कारी थी - Ashish Sophat
चन्द रोज़ का आकर्षण और कुछ अल्फाज़ो की शायरी थी कहने को तो इश्क थावो मोहब्बत झूठ और मक्कारी थी
- Ashish Sophat