कुछ इस तरह से देख मुझे कि तेरे देखे से पिघल जाऊँ।तु गटक ले सीने में मुझे , मैं वहाँ दिल बन जाऊँ।धड़कुँ , धक-धक , धक-धक , धक-धक , कि जब तक जान है , तब तक।आशीष मीना पराशर -
कुछ इस तरह से देख मुझे कि तेरे देखे से पिघल जाऊँ।तु गटक ले सीने में मुझे , मैं वहाँ दिल बन जाऊँ।धड़कुँ , धक-धक , धक-धक , धक-धक , कि जब तक जान है , तब तक।आशीष मीना पराशर
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