20 JAN 2018 AT 0:43

कुछ इस तरह से देख मुझे कि तेरे देखे से पिघल जाऊँ।
तु गटक ले सीने में मुझे , मैं वहाँ दिल बन जाऊँ।
धड़कुँ , धक-धक , धक-धक , धक-धक , कि जब तक जान है , तब तक।

आशीष मीना पराशर

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