की तुम 'तुम' हो, कि मै 'मै' हूं..कभी 'हम' बन नहीं पाए की खुशमिज़ाज़ी की चादर थी.. तो गम बन नहीं पाए तेरा वो मुस्कुराना और पलको को झुका देना... की बस वो याद ही अब है.. हकीकत बन नहीं पाए - Asha Tiwari
की तुम 'तुम' हो, कि मै 'मै' हूं..कभी 'हम' बन नहीं पाए की खुशमिज़ाज़ी की चादर थी.. तो गम बन नहीं पाए तेरा वो मुस्कुराना और पलको को झुका देना... की बस वो याद ही अब है.. हकीकत बन नहीं पाए
- Asha Tiwari