लौट कर आज किसी टूटे दिल के जज़्बात जगाने आये हो ना तुम,
पता है मुझे तुम आज भी उसकी तस्वीर से घंटों बाते किया करते हो
लफ़्ज़ो के आइने मे ,खुद को तलाशने आये हो ना तुम
कि तुम्हारे दिल की बेचैनी को आँखों से झरते देखा है मैने,
आज फ़िर अपने दर्द की आह से ज़माने की वाह-वाही लूटने आये हो ना तुम,
उसकी रुख्सत होने की तड़प छुपाने आये हो ना तुम,
मोहब्बत को दोबारा जीने आये हो ना तुम ,
के मुर्दा बदन मे फ़िर से सिहरन जगाने आये हो ना तुम,
एक बार फ़िर शायर बनकर आये हो ना तुम......
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