दोस्तों के साथ गुज़रे वो पल लौटा दे,
ऐ ज़िंदगी तू मुझे ज़िंदगी लौटा दे।
उकता गया हूँ सुबह - शाम की दौड़ से,
वो चैन, वो सुकून, वो हंसी लौटा दे।
दिन गुज़रे साथ उनके जो 'पल' जैसे,
वो दिन, वो घड़ी, वो पल लौटा दे।
साँस आती है, जाती है, जाती है, आती है,
ऐ ज़िन्दगी तू मुझे 'ज़िंदगी' लौटा दे।
ऐ ज़िन्दगी तू मुझे 'ज़िंदगी' लौटा दे।
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