25 JUL 2017 AT 10:37

इश्क की परिकल्पना, निराधार नहीं होती
जब तक हार न जओ, हार नहीं होती

ये इश्क की हवाएँ, सदा चलती रहती है
ये कभी बीमार नहीं होती..

-Arun Vyas

- अV