Arun Shaw   (ArunShaw(the real taste))
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मैं बीते कल और आज की बातों को लिखता हूँ।
शब्द नहीं,मैं जज्बातों को लिखता हूँ।
Joined 2 April 2017


मैं बीते कल और आज की बातों को लिखता हूँ।
शब्द नहीं,मैं जज्बातों को लिखता हूँ।
Joined 2 April 2017
22 JAN AT 20:48

धन्य धन्य ये धरा हुई है,
धन्य हुआ ये आसमान।
धन्य धन्य जन-जन हुए है,
धन्य हुआ ये जहान।
धन्य धन्य मेरे चित्त आनंदित,
धन्य हो जय जय श्री राम पुकारे।
धन्य धन्य मेरे नैन हर्षित,
धन्य राघव के रुप निहारे।
धन्य धन्य ये मेरा जीवन देख,
धन्य मेरे आराध्य अपने धाम पधारे,
धन्य धन्य मेरा मन गदगद,
धन्य हो जय जय श्री राम पुकारे।

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21 JAN AT 21:23

एक आभा सी फैल रही है,
चहुँओर हरीयाली है।
मर्यादा पुरुषोत्तम के आने से पहले,
की मानों ये खुशहाली है।

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16 DEC 2023 AT 8:41

घर बना लिया है मैनें कि
अब उजालों से कोसो दूर हूँ मैं।

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15 DEC 2023 AT 20:53

लगने लगा है तेरा मेरा मधुर सम्बंध

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15 DEC 2023 AT 15:16

जिसमें मुस्कानों से ज्यादा
आँखों में नमी होती है।

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13 JUN 2023 AT 20:52

मेरे सपनों की एक नदी बहती है।
कलकल करती जिसकी ध्वनि,
मुझे जागे रहने को कहती है।

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28 MAY 2023 AT 12:16

वो पन्ना बहोत अहम है
जिसे तूमने पढा और
जिसमें तुम और हम है।

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8 MAR 2023 AT 14:27

"रंग"
वो एक रंग प्रेम का ले आना तूम,
गालों को रंगीन करने के लिए|
वो एक रंग खुशी का ले आना तूम,
हर एक के मन पे छाने के लिए|
वो एक रंग विश्वास का ले आना तूम,
कमजोर कभी न पडने के लिए|
वो एक रंग प्रयास का ले आना तूम,
आखरी दम तक संघर्ष करने के लिए |
वो एक रंग जीत का ले आना तूम,
मिलकर आगे बढने के लिए|
और रंग कुछ ऐसा ले आना तूम
कि हर कोई चाहे तेरे ही रंग मे रंगने के लिए|

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6 AUG 2022 AT 21:13

और तकरारों में जिन्दगी गुजर गई|

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11 MAY 2022 AT 21:11

हकीकत हो,
या ख्वाब हो कोई
या रुबरु खडी़ मेरे
मेरे ही स्वप्नों की
हसीन आगाज़ हो कोई
तू कहे गर तो
तूम्हें छू के देख लूँ|

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