13 AUG 2017 AT 1:07

कुछ लोग इस कदर यहाँ नादान बन रहे
इंसानियत के ही बिना इंसान बन रहे
जो लोग बन सके नहीं इंसान भी यहाँ
वो लोग देखिए यहाँ भगवान बन रहे

- अरुण चौबे ‘प्रखर’