24 JUN 2017 AT 19:36

हर शाम की तरह आज भी सूरज ड़ूब रहा है
फिर एक बार उगने के लिए।
अपने साथ रोशनी तो लेकर जा रहा है
पर आज भी उसकी तरफ देखते हुए एक उम्मीद जागती है
कि कल वो फिर आएगा
नई किरणें लेकर
नई आशाओं के साथ
क्या पता कल सब ठीक हो जाए।

- Aastha Jain