हर शाम की तरह आज भी सूरज ड़ूब रहा हैफिर एक बार उगने के लिए।अपने साथ रोशनी तो लेकर जा रहा हैपर आज भी उसकी तरफ देखते हुए एक उम्मीद जागती हैकि कल वो फिर आएगानई किरणें लेकरनई आशाओं के साथक्या पता कल सब ठीक हो जाए। - Aastha Jain
हर शाम की तरह आज भी सूरज ड़ूब रहा हैफिर एक बार उगने के लिए।अपने साथ रोशनी तो लेकर जा रहा हैपर आज भी उसकी तरफ देखते हुए एक उम्मीद जागती हैकि कल वो फिर आएगानई किरणें लेकरनई आशाओं के साथक्या पता कल सब ठीक हो जाए।
- Aastha Jain