रेल धक्के से पल में धराशायीकुछ हैरान चेहरे,कुछ आँखें पथराईकुछ लाशें कुचली हुई,कुछ साँसें अकबकाईरेला भीड़ का क्यूँ करतस्वीरें निकाले हैजबकी सामने बैठीजिन्दगी गुमसुम सकपकाई। अपर्णा थपलियाल"रानू" - अपर्णा थपलियाल"रानू'
रेल धक्के से पल में धराशायीकुछ हैरान चेहरे,कुछ आँखें पथराईकुछ लाशें कुचली हुई,कुछ साँसें अकबकाईरेला भीड़ का क्यूँ करतस्वीरें निकाले हैजबकी सामने बैठीजिन्दगी गुमसुम सकपकाई। अपर्णा थपलियाल"रानू"
- अपर्णा थपलियाल"रानू'