माँ ,,,तेरी बहौत याद आ रही है,,'............ये जो शहर है न,मेरी बेचैनी बढ़ा रही है।।।,,,,नहीँ रोक पा रही हूँ इन आंशुओ को बहने से,,........बस तेरे गोद में सर रखू, यही सपने सजा रही है।।।माँ,,तेरी बहौत याद आ रही है।।। - Aparna Tanishq
माँ ,,,तेरी बहौत याद आ रही है,,'............ये जो शहर है न,मेरी बेचैनी बढ़ा रही है।।।,,,,नहीँ रोक पा रही हूँ इन आंशुओ को बहने से,,........बस तेरे गोद में सर रखू, यही सपने सजा रही है।।।माँ,,तेरी बहौत याद आ रही है।।।
- Aparna Tanishq