तुम अब भी ख्वाब में क्यों आया करती होवक्त अपना मुझ पे क्यों जाया करती हो - A.AG.
तुम अब भी ख्वाब में क्यों आया करती होवक्त अपना मुझ पे क्यों जाया करती हो
- A.AG.