12 DEC 2017 AT 5:52

"कब आ रही है तुम्हारी नयी किताब?"

"अब मैं अपनी किताब नहीं छपवाना चाहता।"

"क्यों? क्या हुआ?"

"किताबों में छपना ख्वाइश नहीं है मेरी, मेरी ख्वाइश तो दिलों में छपना है।"

- A.AG.