19 MAR 2018 AT 20:53

ईमानदारी की राह पर चलते चलते
पहुँच गया हूँ बेईमान शहर में
हर कदम पर ठोकर हूँ खाता
गिर जाता हूँ खुद की नज़र में

- A.AG.