15 APR 2018 AT 9:57

मैं जब भी मोहब्बत लिखूंगा ,
तेरा ज़िक्र तो होगा।
अब रास्ते बिल्कुल अलग अलग से है
मगर जब भी उस गली से गुजरूँगा,
तेरा ज़िक्र तो होगा।
दोनो ही जी रहे है सुकून भरी जिंदगी
पर कोई अधूरी कहानी पढूंगा,
तेरा ज़िक्र तो होगा।
मुस्कुराहटें किसकी अच्छी नहीं होतीं
मगर जब भी मैं दाद दूँगा,
तेरा ज़िक्र तो होगा।
दिखावे के दौर मैं बड़ा बोझ है इस दिल पर
कुछ बातें है तेरे जानने की बताऊंगा मिलकर,
मैं जब भी दिल से खूबसूरती की मिसालें दूँगा
तेरा ज़िक्र तो होगा।
क्या भरोसा कब खत्म हो जाए ये सफर ज़िन्दगी का,
यही दुआ है उस खुदा से बस साथ रहे इस सादगी का,
जब उन आराम के पलों में ज़िंदगी का हिसाब होगा,

तेरा ज़िक्र तो होगा।।





- Annu