वक्त अच्छा हो तो तुकबंदी भी ग़ज़ल बन जाती हैनहीं तो किसानों की फसल सी बन जाती है - © Anupama Jha
वक्त अच्छा हो तो तुकबंदी भी ग़ज़ल बन जाती हैनहीं तो किसानों की फसल सी बन जाती है
- © Anupama Jha