जिस्म से बिछड़ कर साँसें कितना चलती होंगी?
जॉन तेरी साँसें क्या तुझे पढ़ने वालों में बस्ती होंगी?
यानी, अब भी तेरी साँसें चलती होंगी?
मैं सोचता हूँ की अब वो नागिन किसको डसती होगी?
यानी, मेरे मीठे गोश्त के बाद भी वो शिकार पर निकलती होगी?
जानी!एक ख्याल है,
क्या सितारों की आँखों में भी हमारी चमक चमकती होगी?
यानी, उनकी आँखें भी ज़मीन के ख़ाब रखती होंगी?
जो लोग मर-मर कर निकलते है घरों से,
क्या यम की सेना उन पर हँसती होंगी?
यानी, मौत एक हिस्सा है ज़िंदगी का,
यानी, आत्मा जिस्म से अलग हो एक दूसरे सफ़र पर निकलती होंगी?
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