कुछ बेहतरीन शामों का वापस,कोई हिसाब नहीं होता..!
गुज़ारे उन पलों का ज़िंदगी को, कभी मलाल नहीं होता..!
शख्सियत तो वही है मगर शायद..वो दौर ही और था क्योंकि..,
अब भी शामे-शख़्सियत वही है मगर..वो पहले सा एहसास नहीं होता..!!
@अvini
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हृदय
वह दस्तावेज़ है
जहाँ केवल
प्रेम का दस्तख़त
ही मान्य है..!!-
हर किसी को आदत है...
दीवारों - दरारों में
कान लगाने और झाँकने की..!
खुले हो दरवाज़े तो..
फुर्सत नहीं किसी को
क्षणभर नज़र उठाके ताकने की..!!-
ज़माने के साथ चलने की,, वक्त की आजमाइश है..!
हालातों से रिहा हैं ख्वाहिशें दिल की,
नाजायज़ जज़्बातों की बेशुमार फरमाइश है..!
बूँद - बूँद करके रिसते हैं किनारे.,
बेबस पलकों के कभी-कभी..!
आज़ाद होने को..कैद आँखों में.,
कई दिनों से एक अदद बारिश है...!!-
नींद की गोलियों से भी नींद नहीं आती उसे..,
जो कभी शाम ही गहरी नींद में सो जाया करती थी...।।-
गैरों की आँखों में हम तलाशते रहते हैं.,खूबसूरत तस्वीर अपनी..
जबकि आईना हर रोज़ बंँया करता है...चेहरे की हर शिकन.. हमारे...!!-
जाने किस बात की उन्हें.. शिक़ायत हमसे रहती है...!
ज़माने भर से मुहब्ब़त है...बग़ावत बस हमसे रहती है...!!-
लोग तुम्हें गुलाब ना होने का ताना देंगे..
मत सुनना
क्योंकि घर तो कैक्टस से भी सजाया जाता है..!!-
आजकल वो दिखते नहीं..शायद.. हमसे नजरें चुरा रहे हैं...!
मेरे अपने को..या फिर हमसे छुपकर.. वो अपना बना रहे हैं..!!-
पतझड़ के खुश्क़ पत्तों में भी अश्क़-ए-शाद सी नमी
बिखरने लगेगी..!
जब तेरे आने की आहट दिल की फिज़ाओं से
गुजरने लगेगी..!!-