हर पल बहकी रही मैं, फ़िर भी उसकी प्यास न बुझा सकी..वो शख़्श जो भी रहा आँखे पढ़ना जानता था !! - मृगांका
हर पल बहकी रही मैं, फ़िर भी उसकी प्यास न बुझा सकी..वो शख़्श जो भी रहा आँखे पढ़ना जानता था !!
- मृगांका