24 APR 2017 AT 0:28

महफ़िल वो नहीं, जहाँ चेहरों की तादाद हो,
महफ़िल तो वो है, जहाँ ख़याल आबाद हो,
महफ़िल वो नहीं, जहाँ कल्में इरशाद हों,
महफ़िल तो वो है, जहाँ तारीफ़ आज़ाद हो...

- अंशुल नागोरी