हर लम्हा एक मोहाजिर हैआया था जो आया फिर हैतब के तबक़े से बेदख़लअब के क़स्बे में हाज़िर है - अंशुल नागोरी
हर लम्हा एक मोहाजिर हैआया था जो आया फिर हैतब के तबक़े से बेदख़लअब के क़स्बे में हाज़िर है
- अंशुल नागोरी