तुझ तक तेरी बाते हम लिख लिख कर पहुंचाते हैं कभी सामने आकर बैठो नातुम्हें दिल का हाल सुनाते हैं.. #हर मौसम हर बारिश में तुम हमको याद आते होकभी कुछ ऐसा बताओ ना हम तुम को याद आते हैं...तुझ तक तेरी बातें ..... #अंधेरी तन्हा रातों में तुम यादें लेकर आती होउन यादों के साथ ही हम सारी रात बिताते हैंतुझ तक तेरी बातें..... #कई मर्तबा होता यूं है तुम कलियों में मुस्काती होहवाओं में अपनी खुशबू बिखेर तुम इधर उधर चहकाती होबागों के हर फूल को छूकर हम मन ही मन इतराते हैंतुझ तक तेरी बातें... -
तुझ तक तेरी बाते हम लिख लिख कर पहुंचाते हैं कभी सामने आकर बैठो नातुम्हें दिल का हाल सुनाते हैं.. #हर मौसम हर बारिश में तुम हमको याद आते होकभी कुछ ऐसा बताओ ना हम तुम को याद आते हैं...तुझ तक तेरी बातें ..... #अंधेरी तन्हा रातों में तुम यादें लेकर आती होउन यादों के साथ ही हम सारी रात बिताते हैंतुझ तक तेरी बातें..... #कई मर्तबा होता यूं है तुम कलियों में मुस्काती होहवाओं में अपनी खुशबू बिखेर तुम इधर उधर चहकाती होबागों के हर फूल को छूकर हम मन ही मन इतराते हैंतुझ तक तेरी बातें...
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छू लूं तुझे कुछ इस तरह कि खुशबू तेरी ओढ़ लूंअा पास अा कुछ इस तरह तुझे खुद से जोड़ लूं -
छू लूं तुझे कुछ इस तरह कि खुशबू तेरी ओढ़ लूंअा पास अा कुछ इस तरह तुझे खुद से जोड़ लूं
तुझ तक तेरी बाते हम लिख लिख कर पहुंचाते हैं कभी सामने आकर बैठो नाकभी सामने आकर बैठो ना तुम्हें दिल का हाल सुनाते हैं..(caption) -
तुझ तक तेरी बाते हम लिख लिख कर पहुंचाते हैं कभी सामने आकर बैठो नाकभी सामने आकर बैठो ना तुम्हें दिल का हाल सुनाते हैं..(caption)
रात के इस पहर तक तु इतना जो मुझे सता रही है कसम से... तेरी बहुत याद आ रही है -
रात के इस पहर तक तु इतना जो मुझे सता रही है कसम से... तेरी बहुत याद आ रही है
ए खुदा मेरी मंजिल मुझसे हमेशा दूर रखनाबड़ी मुश्किल से उसने साथ चलने का वादा किया है -
ए खुदा मेरी मंजिल मुझसे हमेशा दूर रखनाबड़ी मुश्किल से उसने साथ चलने का वादा किया है
itne din huye kuch bat nhi ki na haal pucha mera na khud kuch bataya naraz ho kya .kai martaba maine tumhe patra likha.ek bar bhi dakiya. tumhari chitti lekar nahi aaya naraz..manta hu.. huyi thi thodi nok zok hamare bich..par yun bina kuch kahe chale jana samaz nahi aaya naraz.. -
itne din huye kuch bat nhi ki na haal pucha mera na khud kuch bataya naraz ho kya .kai martaba maine tumhe patra likha.ek bar bhi dakiya. tumhari chitti lekar nahi aaya naraz..manta hu.. huyi thi thodi nok zok hamare bich..par yun bina kuch kahe chale jana samaz nahi aaya naraz..