24 MAR 2018 AT 23:15

तोड़ कर ख़्वाब मेरा, मुझको बेज़ार-ए-ख़्वाब कहते हो।
आज पा कर साथ किसी और का, मेरे कल को बेकार कहते हो।

- Anmol ©अजान